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हिंदी दिवस पर पत्रकारिता के क्षेत्र में हिंदी का महत्व एवं हमारी भूमिका विषयक विचार गोष्ठी आयोजित हिंदी के दशा एवं दिशा तथा पत्रकार व पत्रकारिता की दोयम दर्जे की स्थिति चिंतनीय

(बिहार/खगड़िया -चंदन बादशाह):-। जिला प्रेस क्लब पत्रकार संघ के बैनर तले हिंदी दिवस पर पत्रकारिता क्षेत्र में हिंदी का महत्व , हमारी भूमिका विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन कोशी अस्पताल सभागार में किया गया! जिसकी अध्यक्षता अध्यक्ष सुमलेश कुमार ने किया तथा जिला प्रेस क्लब पत्रकार संघ के संरक्षक किरण देव यादव ने मंच का सफल संचालन किया। कार्यक्रम में हिंदी साहित्य सेवी पत्रकारों को सम्मानित किया गया। पत्रकार संघ के संरक्षक साहित्यसेवी किरण देव यादव ने कहा कि हिंदी भाषा हमारी आन बान शान है। देश की पहचान है। हिंदी मातृभाषा, मातृभूमि व मां सम्माननीय है।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में हिंदी की महत्ता सर्वोपरि है। किंतु आज सर्वत्र हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी की महत्ता , गुणवत्ता , भाषा का प्रयोग हर क्षेत्र में करने का संकल्प तो दोहराई जाती है किंतु विदेशी भाषा अंग्रेजी आज घर-घर घुसपैठ कर हर एक के जिव्हा पर चढ़ चुकी है, हर कार्यालय में अंग्रेजी का धड़ल्ले से उपयोग करना हिंदी मातृभाषा के लिए चुनौती बनी हुई है, जो दुखद है। वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में हिंदी अपना विशेष स्थान रखती है किंतु कुछ लोग पत्रकारिता के क्षेत्र में हिंदी को विकृत कर विकलांग बना देती है जिसे पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी गिरेबान झांकने की जरुरत है।

श्री यादव ने कहा कि हिंदी का विकास , विस्तार, संरक्षण, संवर्धन करने की जरुरत है तभी हिंदी का अस्तित्व बचेगा। पत्रकार को हिंदी पत्रकारिता का प्रशिक्षण देने की जरुरत है।

जिलाध्यक्ष सुमलेश कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा हमारी रग-रग में बसा है, हिंदी हमारी सभ्यता संस्कृति सृष्टि से जुड़ी हुई है। पत्रकारिता के क्षेत्र में हिंदी भाषा की भूमिका अहम है। हमें हिंदी का सर्वत्र सेवन करने की जरुरत है। तभी हिंदी का मान सम्मान अस्तित्व बचेगा । आज का तथाकथित पत्तलकार हिंदी की टांगे तोड़ कमजोर कर रही है।

कार्यक्रम में जिला सचिव संजय कर्ण, कोषाध्यक्ष विक्रम शर्मा, उपाध्यक्ष जन्मेजय कुमार, संयुक्त सचिव सुनील कुमार, प्रवक्ता धर्मेंद्र कुमार, देव जी, कवि कपिलेश्वर कपिल सहित दर्जनों पत्रकार साहित्यसेवियों ने भाग लेते हुए कहा कि आज हिंदी की दशा एवं दिशा तथा पत्रकारों की स्थिति चिंतनीय है। हमें हिंदी, पत्रकार एवं पत्रकारिता की हालात में सुधार करने की जरूरत है।

कार्यक्रम में हिंदी, पत्रकार एवं पत्रकारिता का सर्वांगीण विकास  व विस्तार करने एवं संवर्धन संरक्षण सुदृढ़ीकरण करने का संकल्प लिया गया।

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