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संविधान निर्माता अम्बेडकर के विचार सरोकार बिषय पे परिचर्चा

(बिहार/खगडिया़ :चंदन बादशाह) :-जिले के परबता प्रखंड अंतर्गत महादलित टोला सिराज पुर में अम्बेडकर के विचार विषय का सरोकार पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता भूतपूर्व मुखिया रामपुर उर्फ़ रहीमपुर पंचायत एवं वर्तमान वार्ड पार्षद दयानंद दास ने किया। परिचर्चा में बोलते हुए रविदसिया संघ के जिला अध्यक्ष किशोर दास ने कहा कि आज सरकार बाबासाहेब का अपमान कर रही है क्योंकि वर्तमान सरकार को बाबासाहेब के बनाये संविधान पर भरोसा नहीं है इसलिए इस सरकार का पहला एजेंडा संविधान बदलना हो गया है।

इसके माध्यम से दलित महादलित और ओबीसी के आरक्षण में पेंच फंसा रही। तमाम सरकारी सेक्टर को प्राइवेट किया जा रहा है।सारा सरकारी उपक्रम अगर प्राइवेट हो जाएगा तो आरक्षण कहां मिलेगा।रविदसिया संगठन के रामचंद्र दास ने कहा कि चार श्रम कानून लाकर हम गरीबों को मजदूरी करके जीने का भी हक छीन लिया है। शंकर दास ने कहा कि शिक्षित हो, संगठित होकर संघर्ष करने से जीवन में खुशहाली आएगी। लेकिन सरकार पढ़ने का अधिकार छीन रही है तब हमारे सपने पूरे कैसे होंगे। कैलाश दास ने कहा ढोंग ढकोसला से बाहर निकले बिना बाबासाहेब को समझना मुश्किल है।एक तरफ हमें हिन्दू बनाकर जय श्रीराम बोलबाला जाता है तो दूसरी ओर हमारे महापुरुष मंदिर में प्रवेश करते हैं तो उन्हें अपमानित किया जाता है। इसलिए जरूरी है कि हम संविधान पढ़ें और संविधान के द्वारा मिले अधिकार के लिए संघर्ष करें।बैसा के उपमुखिया सुजय दास ने कहा कि आज देश को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है लेकिन बाबासाहेब ने धर्मनिरपेक्ष संविधान दिया है। 

धार्मिक उन्माद पैदा कर देश को कमजोर किया जा रहा है  जो किसी भी रूप में हमें मान्य नहीं है। संजय दास देवरी ने कहा हमें पूजा-पाठ छोड़ कर शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के नये प्रयोग को रोकने के लिए संघर्ष करना चाहिए। अंजना देवी ने महिलाओं से आग्रह किया कि आज 77वर्षों बाद भी हमें जब सरकार में समुचित भागीदारी नहीं मिली है तो फिर मेरे साथ न्याय कहां हुआ। हमें मिलकर न्याय की लड़ाई लड़ना सीखना पड़ेगा। अखिलेश दास ने कहा कि हम एस ,एसटी ओबीसी 85%हैं।हम जाति जनगणना चाहते हैं, उसके अनुसार उचित हिस्सेदारी चाहते हैं लेकिन सरकार आरक्षण में आरक्षण का पेंच फसाकर हमें हमारे हिस्से से वंचित किया जा रहा है। ये बर्दास्त योग्य नहीं है।

मोके पर भाकपा-माले जिला सचिव कामरेड अरुण कुमार दास ने कहा कि नौकरी नहीं है, उचित मजदूरी नहीं मिलती है, पर्चा वाली जमीन पर दखल नहीं है,बांस के लिए एक कट्ठा जमीन नहीं है, शिक्षा से हमें बेदखल करने की साज़िश रोज की जा रही है। सरकार हमें सिर्फ वोट बैंक के रुप में उपयोग करती रही है।एकबार तीन डिस्मल जमीन, दुसरी बार पहले का वादा किए वगैर 5डिस्मल पर आ गयी वो भी वादा पूरा नहीं हुआ अब दो लाख का स्वप्न दिखाई रही है। उसमें भी 59000हजार का इनकम प्रमाण पत्र का बाधा है,तब सोचना पड़ेगा कि ये योजनाएं जो सरकार ला रही है ठग योजना है।अब हमें समझदारी के साथ संगठित होकर बाबासाहेब के बनाए संविधान के दायरे में अंदोलन करना होगा।तभी हम और हमारे परिवार खुशहाल हो सकते हैं।

सभा का संचालन अभय दास ने किया। इस कार्यक्रम में सिराज पुर महादलित टोला के अलावे गांव से आये अन्य महिला पुरुष शामिल हुए। जिसमें प्रियंका देवी, मीना देवी, गरीब दास, शंकर दास,सिकन्दर दास, संतोष दास, माले नेता अमित कुमार अरुण,डा दीपक कुमार आदि उपस्थित थे

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