DESK बिहार/खगड़िया- चंदन कुमार : कहते हैं अभी से पांव के छाले ना देखो अभी सफर की इब्तिदा बाकी है जिस इंसान के अंदर हौसला होता है वह अपने हौसले से सब कुछ हासिल कर सकता है कुछ ऐसा ही कर दिखाने में मील का पत्थर साबित हुए हैं खगड़िया जिला के उदारवादी , लगनशील, मेहनती जिलाधिकारी महोदय डॉक्टर श्री आलोक रंजन घोष।
ऐसा लगता है बिहार का फरकिया जिला के नाम से मशहूर खगड़िया जिला में कोई माउंट मैन दशरथ मांझी आये हैं। वो हम इसलिए कह रहे हैं इनकी कार्य शैली हीं कुछ ऐसी है ,जब रात के बारह बजे सारा जहां सोता है और खगड़िया जिलाधिकारी को सूचना मिलती है कि कहीं कोई सड़क दुघर्टना का शिकार हो गया है तुंरत सबसे पहले एम्बुलेंस सेवा की सिफारिश करते हैं और तब तक नहीं सोते हैं जब तक मरीज़ अस्पताल ना पहुंच जाए, उनकी बेहतर इलाज शुरु ना हो जाए।और फिर सुबह उस मरीज़ का हाल चाल जानते हैं ।
किसी भी जिले के विकास के लिए स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि अत्यंत आवश्यक होता है लेकिन कोशी का अभिशाप कहे जाने वाला सात नदियों से घिरा गंगा, कमला बालन, कोशी, बूढ़ी गंडक,करेह,काली कोशी ,बागमती जिसे पांच शताब्दी पहले मुगल साम्राज्य के तत्कालीन राजा अकबर ने अपने राजस्व मंत्री टोडर मल को अपने साम्राज्य का नक्शा बनाने का निर्देश दिया लेकिन कठिन भूभाग,घने जंगलों होने के कारण नहीं बना पाया। तभी से यह जिला फरकिया के नाम से मशहूर हो गया । आज आधुनिक युग में समय विपरीत है लेकिन आज भी जिले भोगौलिक दृष्टिकोण की बनावट के कारण कई गांव - कई अस्पताल खटिया अस्पताल में तब्दील है । हालांकि इसे बदलने में डीएम हर संभव प्रयास करते हैं ।
जिसका परिणाम स्वरूप सिविल सेवा दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के द्वारा खगड़िया जिले को नवाचार श्रेणी में 'बोट एम्बुलेंस' के माध्यम से सूदुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं लोक सेवाओं के अधिकार श्रेणी में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु जिलाधिकारी डॉ आलोक रंजन घोष को पुरस्कृत किया गया। आज ज़िलेवासी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
स्वास्थय के मामले में फरकिया जिला खगड़िया देश में 85वें स्थान पर है, स्वास्थय और पोषण क्षेत्र में 63.1 अंक मिला, शिक्षा के मामले में जिला बिहार में 9वें स्थान पर है ।
ज्ञात हो कि नीति आयोग की हालिया डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान आने के साथ तीन विभिन्न मुद्दों पर टांप टेन में शामिल हो बेहतर प्रदर्शन किया ।नीति आयोग की टीम ने आकांक्षी जिलों की रेंकिंग की जिसमें देश के 115 आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में खगड़िया पहले स्थान पर रहा । डीएम के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने नीति आयोग के पैरामीटर पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए ऑल ओवर डेल्टा रैकिंग में खगडिया पूरे भारत में पहला स्थान प्राप्त किया।
लगभग सत्रह लाख आबादी वाले खगडिया जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो जिले में एक सदर अस्पताल एक रेफरल अस्पताल ,सहित पांच पीएचसी, 23 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र,193 उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं सभी की स्थिति दयनीय है चिकित्स, कर्मी और संसाधन का हर जगह अभाव है पिछड़ेपन को दूर करने के लिए और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर खगड़िया को आकांक्षी जिला में शामिल कर लिया गया लेकिन आकांक्षी जिला योजना से कोई फंड प्राप्त नहीं हुए जबकि आकांक्षी जिला योजना का दो वर्ष पूरे होने को है स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था के साथ आवंटन में भी पिछड़ा है सूत्रों की मानें तो इस साल जिले का कुल बजट 101करोड़ 63 लाख 58 हजार 225 रुपए का था जिसमें 56 करोड़ 52 लाख 95 हजार 836 रुपए का आवंटन हुआ योजनाओं की बात करें तो जननी बाल सुरक्षा, टीकाकरण, पल्स पोलियो, सहित अन्य प्रतिरक्षण कार्यक्रम, परिवार नियोजन के लिए राष्ट्रीय हैल्थ मिशन के तहत 48 करोड़ का बजट था जिसमें 19 करोड़ हीं मिले। जबकि चिकित्सक व एएनएम के वेतन सहित अस्पताल मद में खर्च के लिए कुल 53 करोड 63 लाख 58 हजार ₹225 था जिसमें 37 करोड 52लाख 95 हजार 836 रुपए आवंटन हुआ।
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